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'बचपन मेरा लौटा दो ' BACHPAN MERA LAUTA DO

         बचपन मेरा लौटा दो रूक जाओ थम जाओ ए समय मेरी यही पुकार है , जी लेने दो फिर से बचपन को मेरी ये अधिकार है । दोस्त छिना , स्कूल छिना  छिना तुमने वो कागज का नाव , कोई जाए , जाकर पुछे क्या है  इसके लौटाने के भाव । पैसे रहते हुए कुछ खरीद न पाया ऐसा ये बाजार है , जी लेने दो फिर से बचपन को मेरी ये अधिकार है । क्यों मुझे इतना बड़ा बनाया कि माँ के गोद में नहीं समा पाता , क्या किसी ने ऐसा रास्ता नहीं बनाया जो मुझे बचपन में पहुँचा पाता । सिर्फ मैं नहीं मेरे बुढ़े दोस्त भी जूझ रहे  सभी लाचार हैं , जी लेने दो फिर से बचपन मेरा ये अधिकार है । स्वार्थ भरी इस दुनिया में  मैं बच्चा ही अच्छा था , एक तु ही समय था झुठा ,  और मेरा बचपन सच्चा था । तुझे छोड़ और किसी से शिकायत नहीं  मेरा ये संस्कार है । जी लेने दो फिर से बचपन मेरा ये अधिकार है । रूक जाओ थम जाओ ए समय मेरी यही पुकार है , जी लेने दो फिर से बचपन को मेरी ये अधिकार है । कोई होता जो मेरे बचपन को  पिंजरे में डाल देता , ‘ तेरा ...

हमारी बिटिया रानी Our Sweet Daughter



हमारी बिटिया रानी
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बिटिया हमारी जान से प्यारी तेरे लिए सारा जमाना है,
कितनी सुंदर कितनी प्यारी तुझे जग में नाम कमाना है |



मात पिता के फुलकुमारी लगती बड़ी सयानी हो,

वाद- विवाद तो ऐसे करती जैसे हमारी नानी हो |
जब आई थी हमारी दुनिया हमें लगा न्यारा था,
उससे पहले सच कहूँ तो बेटा ही दुलारा था |
तुम महको सारे जग में ऐसा फुल बनाना है,
कितनी सुंदर कितनी प्यारी तुझे जग में नाम कमाना है |



आज करो तुम ये वचन बेटी धर्म निभाओगी ,

अपने अच्छे कर्मों से सबके हृदय में बस जाओगी |
लाज रखना तुम मात पिता की तुम्हारे अंदर जान हमारी,
कर्तव्य करना तुम ऐसी बेटी हम रहें ईश्वर के आभारी |
है अभिमान तुम्हारे ऊपर इसे बनाये रखना है,
कितनी सुंदर कितनी प्यारी तुझे जग में नाम कमाना है |



नहीं चाहते हम बताना कि तुम्हें हमने पाला पोशा है,

खड़े हो जाओ अपने पैर पे हमारी इतनी सी भर आशा है|
रात- रात भर जाग-जाग के माँ ने कितने दिन गुजारे,
अपनी सुंदर काया को छोड़ तुम्हारे अपने दिन सवाँरे |
नहीं चाहता भुलो तुम बस यही याद दिलाना है,
कितनी सुंदर कितनी प्यारी तुझे जग में नाम कमाना है |

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                                   ------------ रोशन कुमार सिंह 

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